यह किताब का सारांश हिंदी में: डॉ. किशन के. पटेल अपनी तीसरी किताब “अखंड हिंदुत्व : युवा भारत की ऊंची सोच” को दुनिया के सामने पेश करते हुए बेहद खुश हैं। उनके अनुसार, किताबों ने उन्हें बनाया है, और किताबें ही उनकी दुनिया हैं। जिस उम्र में लोग बुरी आदतों में उलझे रहते हैं, उस उम्र में उन्हें किताबों का साथ मिला, जिसे वह अपना सौभाग्य मानते हैं। इस किताब में उन्होंने अपनी हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की विचारधारा को कविता के रूप में प्रस्तुत किया है। उनके अनुसार, अपने देश के लिए जीना और मरना एक गर्व का विषय है। किसी भी इंसान का अस्तित्व उसकी विचारधारा पर निर्भर करता है। मजबूत विचारधारा वाले व्यक्ति का अस्तित्व भी उतना ही सशक्त होता है। वे वर्तमान परिस्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहते हैं कि लोग अपनी संस्कृति और विचारधारा को भुला रहे हैं। हमारे पुराणों और ग्रंथों को पढ़ना छोड़ दिया गया है, और जीवन सिर्फ मौज-मस्ती तक सीमित रह गया है। देश में हो रही हिंदू-विरोधी गतिविधियों को लेकर चिंता जताते हुए, उन्होंने कहा कि अगर आज हम जागरूक नहीं हुए, तो भविष्य में इससे भी बुरी स्थिति हो सकती है। वे इस बात पर जोर देते हैं कि धर्म से ही विज्ञान और भौतिकता का जन्म हुआ है, और अगर हम इसे समझने में असमर्थ रहे, तो हम अपनी धरोहर और मूल्यों से दूर होते जाएंगे। इस किताब की कविताएं हमारी संस्कृति, धरोहर, और विचारधारा के महत्व को समझाती हैं, और हमें अपने इतिहास को नजदीक से जानने और मानने का अवसर देती हैं।
