श्रीमद्भगवद्गीता, जो महाभारत के युद्ध से पूर्व भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया दिव्य ज्ञान है, मानव जीवन के सभी जटिल प्रश्नों का समाधान प्रस्तुत करती है। यह ग्रंथ न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि जीवन कौशल और दार्शनिक दृष्टिकोण से भी अद्वितीय है। भगवान कृष्ण ने अर्जुन के माध्यम से कर्म, धर्म और आत्मज्ञान की शिक्षा दी। लेखन एक साधारण प्रयास है, जो भक्त की दृष्टि से कुरुक्षेत्र के युद्ध के प्रथम दिवस की घटनाओं और संवादों को प्रस्तुत करता है। यह ग्रंथ निराशा में आशा और जीवन में उद्देश्य का प्रकाश देता है।