Description
मेरी कविता की भावनायें… स्वच्छ दिल से निकली हुई स्वेच्छा की भावनाएं हैं.. मन मस्त होकर लिखी हुई तल्लीन भावनाएं हैं ये.. पवित्र मन का दर्पण है ये भावनाएं खयालों में खोई हुईं फरियाद हैं ये कई सालों का ख्वाहिशें हैं ये आरजू है ज़िन्दगी जीने का गुजारिश है जीने का नाम ही ज़िन्दगी है पद्मावती पि. एम. ए. (हिंदी लिटरेचर) साहित्य रत्ना….
Reviews
There are no reviews yet.