Description
‘यशस्विनी’: उदात्त प्रेम से आत्मबोध की एक मर्मस्पर्शी यात्रा क्या आप एक ऐसी कहानी की तलाश में हैं जो केवल मनोरंजन न करे, बल्कि जीवन जीने का नया नज़रिया दे? डॉ. योगेंद्र पांडेय का उपन्यास ‘यशस्विनी’ मानवीय संवेदनाओं, अदम्य साहस और जिजीविषा का एक बेजोड़ दस्तावेज है। यह कहानी है नायिका ‘यशस्विनी’ की, जो अपनी शर्तों पर जीवन जीती है और हर संघर्ष का डटकर सामना करती है। लेखक ने स्त्री-विमर्श के पारंपरिक खेमों से दूर हटकर, एक ऐसे चरित्र को गढ़ा है जो व्यष्टि (स्वयं) से समष्टि (समाज) तक की यात्रा तय करती है। रोहित, माधवन और मीरा जैसे जीवंत पात्रों के साथ बुना गया यह कथानक आपको प्रेम के उदात्त रूप से आत्मबोध के शिखर तक ले जाता है। इस उपन्यास की खासियतें: प्रवाहपूर्ण भाषा: सरल संवाद जो सीधे दिल में उतरते हैं। सकारात्मकता: घोर निराशा में भी आशा की किरण जगाती कहानी। रोचक अंत: कल्पना से परे, एक ऐसा अंत जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगा। यदि आप मानवीय रिश्तों की गहराई और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी एक सार्थक रचना पढ़ना चाहते हैं, तो ‘यशस्विनी’ आपके पुस्तकालय की शोभा बढ़ाने के लिए अनिवार्य है।



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